हाई कोर्ट में मामला पाकिस्तान के पक्ष में च ला गया और इसके बाद निज़ाम को कोर् ट्स ऑफ़ अपील में जाना पड़ा जहां निज़ाम की जीत हुई. लेकिन इसके बाद पाकिस्तान ने आगे बढ़ कर उस दौर में यूके के उच्चतम न्यायालय, हाऊस ऑफ़ लार्ड्स का दरवाज़ा खटखटाया. पाकिस्ता न की दलील थी कि कि निज़ाम पाकिस्तान पर किसी त रह का मुक़दमा नहीं कर सकते क्योंकि पाकिस्तान एक संप्रभु राष्ट्र है. हाऊस ऑफ़ लार्ड्स ने पाकिस्तान के पक्ष में अपना फ़ैसला दिया और उसकी दलील को सही ठहराते हुए कहा कि निज़ाम पाकिस्तान पर मुक़दमा नहीं कर सकते. लेकिन इसके साथ ही हाऊस ऑफ़ लार्ड्स ने 10 लाख पाउंड की इस विवादित राशि को भी फ्रीज़ कर दिया. इसके बाद से पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे हबीब इब्राहिम रहिमतुल्ला के खाते में ट्रांसफर किए गए ये पैसे नैटवेस्ट बैंक के पास हैं. बैंक के अनुसार ये पैसे अब कोर्ट के फ़ैसले के बाद ही उसके सही उत्तराधिकरी को दिए जा सकते हैं. लेकिन 1948 में जमा किए गए 10 ला ख पाउंड, बीते साठ सालों में ब्याज़ की राशि मिला कर अब 350 लाख पाउंड बन चुके हैं. बीते कुछ सालों में बातचीत के ज़रिए इस वि वाद का हल खोजने ...